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नजरों के परदे उतारकर दिल के हिचकोले सम्हालकर मैं तेरी राहों में बैठा सारी उम्मीदें सँवारकर। अक्सर मेरे मन की खिड़की से कोई तुमको तकता है ये मेरा मन भी हरदम ...